Dua

Kumaar

कह रही दुआ हो जाना तेरा
एक तेरे सिवा है कौन मेरा
कह रही दुआ हो जाना तेरा
एक तेरे सिवा है कौन मेरा
जैसे हवा और आसमान
ये इश्क़ भी रहेगा सदा
मैं ना रहूँ तो क्या हुआ
ये इश्क़ तो रहेगा सदा
रह जाएंगी यहाँ तेरी-मेरी दास्तान
ये हमारा हिन्दुस्तान रहेगा सदा
मर भी गए तो क्या होंगे नहीं जुदा
ये हमारा हिन्दुस्तान रहेगा सदा

इश्क़-ए-नूर की बारिश बरसे
भीगे निकल के ख्वाहिश घर से

इश्क़-ए-नूर की बारिश बरसे
भीगे निकल के ख्वाहिश घर से
है जैसे खुल गया आसमान
और गूँज रही है अब खुशियाँ
इक राग बजे मल्हार का जो
दिल झूम झूम के ठिरक उठा

कह रही दुआ हो जाना है तेरा
एक तेरे सिवा है कौन मेरा
कह रही दुआ हो जाना है तेरा
एक तेरे सिवा है कौन मेरा
जैसे हवा और आसमान
ये इश्क़ भी रहेगा सदा
मैं ना रहूँ तो क्या हुआ
ये इश्क़ तो रहेगा सदा

रह जाएंगी यहाँ तेरी-मेरी दास्तान
ये हमारा हिन्दुस्तान रहेगा सदा
मर भी गए तो क्या होंगे नहीं जुदा
ये हमारा हिन्दुस्तान रहेगा सदा

Trivia about the song Dua by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Dua” by Jubin Nautiyal?
The song “Dua” by Jubin Nautiyal was composed by Kumaar.

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