Ittefaq Se - Raat Baaki

GROOT, TANISHK BAGCHI

सोचो ना देखो तो देखो ना क्या हुआ
इत्तेफ़ाक से लम्हे जो होते हैं
मिलते हैं फिर यहाँ इत्तेफ़ाक से
रात बाकि बात बाकि होना है जो हो जाने दो
रात बाकि बात बाकि होना है जो हो जाने दो
सोचो ना देखो तो देखो ना क्या हुआ
इत्तेफ़ाक से लम्हे जो होते हैं
मिलते हैं फिर यहाँ इत्तेफ़ाक से

आगाज़ ये है तो अंजाम होगा हसीं
दीवाने परवाने मरने से डरते नहीं
मिलती नहीं रातें हसीं इत्तेफ़ाक से
रात बाकि बात बाकि होना है जो हो जाने दो
सोचो ना देखो तो देखो ना क्या हुआ
इत्तेफ़ाक से लम्हे जो होते हैं
मिलते हैं फिर यहाँ इत्तेफ़ाक से

Trivia about the song Ittefaq Se - Raat Baaki by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Ittefaq Se - Raat Baaki” by Jubin Nautiyal?
The song “Ittefaq Se - Raat Baaki” by Jubin Nautiyal was composed by GROOT, TANISHK BAGCHI.

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