Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi

Manoj Muntashir

ऊँचा है भवन ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान मैया तेरी
चरणों में झुके बादल भी तेरे
पर्वत पे लागे शैया तेरी

हे कालरात्रि हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

जैसे धारा और नदियां
जैसे फूल और बगिया
मेरे इतने ज़्यादा पास है तू

जब ना होगा तेरा आँचल
नैना मेरे होंगे जल-थल
जायेंगे कहाँ फिर मेरे आंसू

दुःख दूर हुआ मेरा सारा
अंधियारों में चमका तारा
नाम तेरा जब भी है पुकारा

सूरज भी यहाँ है चंदा भी
तेरे जैसा उजागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

हे कालरात्रि हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

तेरे मंदिरों में माई
मैंने जोत क्या जलाई
हो गया मेरे घर में उजाला

क्या बताऊँ तेरी माया
जब कभी मैं लड़खड़ाया
तूने 10 भुजाओं से संभाला

खिल जाती है सुखी डाली
भर जाती है झोली खाली
तेरी ही मेहर है मेहरावाली

ममता से तेरी बढ़के मैया
मेरी तो धरोहर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

हे कालरात्रि हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

माँ मेरी माँ
माँ मेरी माँ
माँ मेरी माँ

मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

Trivia about the song Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi” by Jubin Nautiyal?
The song “Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi” by Jubin Nautiyal was composed by Manoj Muntashir.

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