Meri Tarah

Kunaal Vermaa

कौन है वो दुनिया में जो
तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा
जिसके लिए तू हाथ मेरा
एक पल में छोड़ के जाने लगा
कौन है वो दुनिया में जो
तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा
जिसके लिए तू हाथ मेरा
एक पल में छोड़ के जाने लगा
तुम सोच समझ कर चाहो उसे
एक दिन मुझसे मिलवाओ उसे
मैं भी तो देखूं प्यार में वो क्या कर सकता है
क्या वो जो भी कहता है वो
सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझपर
हँस के मर सकता है
क्या वो जो भी कहता है वो
सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझपर
हँस के मर सकता है
हँस के मर सकता है

बोहोत फर्क होता है यूं साथ मुस्कुराने में
हाथ थामने में और ज़िन्दगी बीतने में
जीने मरने की बाते करके भूल जाते है
क्या किसी का जाए झूठे खाब सा दिखाने में
तुम गलियों में अपनी बुलाओ ज़रा
मेरे जितने कांटे बिछाओ ज़रा
बिना उफ़ किये क्या उनपे
वो भी गुजर सकता है
क्या वो जो भी कहता है वो
सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझपर
हँस के मर सकता है
क्या वो जो भी कहता है वो
सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझपर
हँस के मर सकता है
अब याद रखेगा कौन किसे
ये वक्त को तय कर लेने दे
करदे खुशियों की बारिश उस पर
आँख मुझे भर लेने दे
ना शोर हुआ आवाज हुई
जब जब दिल सच्चा टूटा है
पुछो सबसे से सबको अपने
चाहने वालों ने लूटा है

न आस रहे न सांस रहे
हम भी पत्थर हो जाएंगे
तुम हो जाओगे गैरों के
हम तो खुद के ही ना हो पायेंगे
हो पायेंगे

तेरी धड़कनों के जरीये
मैं भी तो धड़कन हूं
तुझे कैसे दिल से मेरे
दूर कर सकती हूं
जैसी भी रही चाहिए
हां मैं चल सकती हूं
तुझे देख कर जीत हूं
तुझपे मर सकती हूं
तुझपे मर सकती हूं
तुझपे मर सकती हूं
तुझपे मर सकती हूं

Trivia about the song Meri Tarah by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Meri Tarah” by Jubin Nautiyal?
The song “Meri Tarah” by Jubin Nautiyal was composed by Kunaal Vermaa.

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