Rim Jhim

Kunaal Verma

रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है
मौसम मोहब्बतों का
खुद चल के आया है
सारे शहर में सिरफ
हमको भीगाया है
रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है ओ ओ
हाँ हाँ हाँ ओ ओ
हाँ हाँ हाँ
पहली मोहब्बत है
और पहली ये बारिश है
भर लो बहों में
आसमान की नवाजिश है
कितना खुश है
देखो ना ये आसमान
है खुशनसीबी मेरी
सारे जमाने में
जो हमसफ़र तूने
मुझे बनाया है
रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है

रहीन अब सारी जाके
तुझसे मिल जाति हैं
हँसते हँसते आँखो से
बूंदे गिर जाति है
तू जो आया बादली मौसम की हवा
जितना बेचानी में था
पहले ये सफर मेरा
उतना सुकून मैंने
तुझमे अब पाया है
रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है
रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है
मौसम मोहब्बतों का
खुद चल के आया है
सारे शहर में सिर्फ़
हमको भगाया है
रिम झिम ये सावन
फिर बरसात ले आया है ओ ओ
हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ ओ ओ ओ ओ

Trivia about the song Rim Jhim by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Rim Jhim” by Jubin Nautiyal?
The song “Rim Jhim” by Jubin Nautiyal was composed by Kunaal Verma.

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