Hori Mein
गुंचे कहीं फूल
बिखरे से देखो हाय
मखमल से जिस्मों पे
कलियों की बरखा छाये
कजरारे नैनों से
मुश्किल है बचना हाय
बांकी अदाओं पे
लटटू से होते जायें
फागुन की रुत का
ये जादू भी चढ़ता जाये
खिल गए होरी में
खिल गए होरी में
मन पे जी वो रंग डारो
झूमे होरी में
मिल गए होरी में
खिल गए होरी में
मन पे जी वो रंग डारो
झूमे होरी में
गजरा मैं खोलूं, ना ना
आगे पीछे डोलूं, ना ना
तेरी छाँव ज़मीं
नभ देख रहा
बन्ना रे कान्हा काहे
भंवरा दीवाना हाय
होरी के बहाने मोहे
छेड़ क्यूँ रहा
होरी के बहाने मोहे
छेड़ क्यूँ रहा
अंग संग होरी में
सब रंग होरी में
मन पे जी वो रंग डारो
झूमे होरी में
अंग संग होरी में
सब रंग होरी में
मन पे जी वो रंग डारो
झूमे होरी में
आज इशारो में किस्सा कोई कहता जाय
दिल की उमगों की उड़ती पतंग आये
मुँह में मोहन के राधा की मीरा आये
अधखुले आधारों पे बंसी कोई बाजे जाय
फगुना के गीतों के सरगम पे नाचे गाय
दम दम होरी में हम तुम होरी में
मन पे जी वो रंग दारो झूम होरी में
अंग संग होरी में सब रंग होरी में
मन पे जी वो रंग दारो झूम होरी में
हो झूम होरी में