Benaqab

M.S. Abid

अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी
अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी

तुम्हे अपनी पड़ी होगी
हमें अपनी पड़ी होगी

अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी

सरे महफ़िल कभी आकर
जो तुम जलवे बिखेरोगे
निगाहों की छूरी जब तुम
हमारे दिल पे फेरोगे

ना पूछो हाल क्या होगा
ना पूछो हाल क्या होगा
लबों पे जां अड़ी होगी

अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी

मोहब्बत से मुहारत से
तुम्हे रब ने बनाया है
तेरी नाज़ुक जवानी को
नज़ाक़त से सजाया है

बड़ी अबिद तसल्ली से
बड़ी अबिद तसल्ली से
तेरी मूरत गड़ी होगी

अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी

चमकते चाँद चेहरे से
जो तुम ज़ुल्फ़े हटाओगे
सामने बेथ कर मेरे
अगर तुम मुस्कुराओगे

करेगा दिल तुम्हे सज़दे
करेगा दिल तुम्हे सज़दे
नज़र तुम से लड़ी होगी
अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी
अगर तुम बेनक़ाब आओ
क़यामत की घड़ी होगी

Trivia about the song Benaqab by Lakhwinder Wadali

Who composed the song “Benaqab” by Lakhwinder Wadali?
The song “Benaqab” by Lakhwinder Wadali was composed by M.S. Abid.

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