Chaand

Dr. Devendra Kafir

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

तेरा चेहरा तेरा चेहरा
तेरा चेहरा इबादत है एक प्यार की
रब के हाथों लिखी तू कोई बात है

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

तुमको लगता है तुम हो संवरते मगर
आइना हैं संवरता तुम्हें देख कर
तुमको लगता है तुम हो संवरते मगर
आइना हैं संवरता तुम्हें देख कर

चलते फिरते चलते फिरते
चलते फिरते यूंही तुम नहीं मिल गये
सौ जनम की दुआओं की सौगात है

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

देखता हूँ मैं जब आसमान की तरफ
वो रक़ीबों के जैसे हैं तकता मुझे
देखता हूँ मैं जब आसमान की तरफ
वो रक़ीबों के जैसे हैं तकता मुझे

लाख बातें लाख बातें
लाख बातें हो अच्छी कनहिया में पर
राधा रानी में भी तो कोई बात है

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

चाँद बैठा हुआ है मेरे सामने
मेरे घर में हुयी चांदनी रात है

Trivia about the song Chaand by Lakhwinder Wadali

Who composed the song “Chaand” by Lakhwinder Wadali?
The song “Chaand” by Lakhwinder Wadali was composed by Dr. Devendra Kafir.

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