Jashne Bahara [Lofi Flip]

Javed Akhtar

कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में
सारे सहमे नज़ारे हैं सोये सोये वक्त के धारे हैं
और दिल में खोई खोई सी बातें हैं हो ओ
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में

कैसे कहें क्या है सितम सोचते हैं अब ये हम
कोई कैसे कहे वो हैं या नहीं हमारे
करते तो हैं साथ सफ़र
फ़ासले हैं फ़िर भी मगर
जैसे मिलते नहीं किसी दरिया के दो किनारे
पास हैं फ़िर भी पास नहीं
अब तो ये गम रास नहीं
शीश की इक दीवार है जैसे दरमियाँ
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में

Trivia about the song Jashne Bahara [Lofi Flip] by MiG

Who composed the song “Jashne Bahara [Lofi Flip]” by MiG?
The song “Jashne Bahara [Lofi Flip]” by MiG was composed by Javed Akhtar.

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