Ae Dil-E-Awara Chal

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल
ऐ दिल-ए-आवारा चल
फिर वहीं दोबारा चल
यार ने दीदार का वादा किया है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल
फिर वहीं दोबारा चल
यार ने दीदार का वादा किया है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

वो उनकी बेताबी वो उनका चलना छमसे
आँचल थामा तो हँसके कहा फिर मिलनेको हमसे
उनसे हमसे
सुन ऐ दिल प्यार का इकरार आँखों में हुआ है
ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

खट्टी हो या मीठी अब उन आँखों से पीना
जीते हैं चाहत वाले बिना चाहत के क्या जीना
चलते फिरते
सुन ऐ दिल चाह में अब आह भरनेका मज़ा है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

चमका है इक मुखड़ा कुछ ज़ुल्फें है लेहरायीं
दिन फिर गये अपने दिन के गई रातों की तन्हाई
चमका है इक मुखड़ा कुछ ज़ुल्फें है लेहरायीं
दिन फिर गये अपने दिन के गई रातों की तन्हाई
जहाँ वो वहाँ हम
सुन ऐ दिल चैन से बेचैन तू क्यूं हो रहा है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल
फिर वहीं दोबारा चल
यार ने दीदार का वादा किया है
ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

Trivia about the song Ae Dil-E-Awara Chal by Mukesh

Who composed the song “Ae Dil-E-Awara Chal” by Mukesh?
The song “Ae Dil-E-Awara Chal” by Mukesh was composed by MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN.

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