Awara Hoon [LP Classics]

SHAILENDRA, SHANKAR JAIKISHAN

आवारा हूँ
आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ

आवारा हूँ
आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ

घर-बार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
उस पार किसी से मिलने का इकरार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
सुनसान नगर अनजान डगर का प्यारा हूँ

आवारा हूँ
आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ

आबाद नहीं, बर्बाद सही
गाता हूँ खुशी के गीत मगर
गाता हूँ खुशी के गीत मगर
ज़ख्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर ये मस्त नज़र
दुनिया
दुनिया मैं तेरे तीर का
या तकदीर का मारा हूँ

आवारा हूँ
आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ
आवारा हूँ
आवारा हूँ

Trivia about the song Awara Hoon [LP Classics] by Mukesh

Who composed the song “Awara Hoon [LP Classics]” by Mukesh?
The song “Awara Hoon [LP Classics]” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, SHANKAR JAIKISHAN.

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