Hanste Bhi Rahe Rote Bhi [Classic Revival]

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
खुश होके सहे उल्फत के सितम
खुश होके सहे उल्फत के सितम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे

है दिल की लगी क्या तुझको खबर
इक दर्द उठा थर्रायी नज़र
है दिल की लगी क्या तुझको खबर
इक दर्द उठा थर्रायी नज़र
थर्रायी नज़र
खामोश थे हम
खामोश थे हम, इस ग़म की कसम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे

ये दिल जो जला इक आग लगी
आँसू जो बहे बरसात हुई
ये दिल जो जला इक आग लगी
आँसू जो बहे बरसात हुई
बरसात हुई
बादल की तरह, बादल की तरह
बादल की तरह आवारा थे हम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे

Trivia about the song Hanste Bhi Rahe Rote Bhi [Classic Revival] by Mukesh

Who composed the song “Hanste Bhi Rahe Rote Bhi [Classic Revival]” by Mukesh?
The song “Hanste Bhi Rahe Rote Bhi [Classic Revival]” by Mukesh was composed by JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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