Hota Raha Yun Hi

Indeewar, Roshan

होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का

होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का
होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का

सिंदूर की लाली है
किसी के सुहाग में
जीते जी जल रहा है
कोई गम की आग में
कोई गम की आग में
इस के सिवा होगा भी क्या
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का
होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का

जाकर नहीं आना जिसे
क्यों देखे वो मुडके
मिलते नहीं हमराही
दोराहे पे बिछडके
दोराहे पे बिछडके
मालूम है होता है
ओ अजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का
होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का

कसमे नहीं निभाती
धरे रह जाते है वादे
ये रेत की दीवार है
जो चाहे गिरा दे
जो चाहे गिरा दे
सौ काम जफ़ाओ के है
इक काम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का
होता रहा यूँ ही अगर
अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में
कोई नाम वफ़ा का

Trivia about the song Hota Raha Yun Hi by Mukesh

Who composed the song “Hota Raha Yun Hi” by Mukesh?
The song “Hota Raha Yun Hi” by Mukesh was composed by Indeewar, Roshan.

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