Jab Gham - E - Ishq Satata Hai

Jaidev, Nyaya Sharma

जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ
जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ
हादसा याद ये आता है तो हँस लेता हूँ

जज़्बा ए इश्क़ के अंजाम से इस दुनिया मे
जज़्बा ए इश्क़ के अंजाम से इस दुनिया मे
जब कोई अस्क बहता हे तो हँस लेता हूँ
हादसा याद ये आता है तो हँस लेता हूँ

मेरी उजड़ी हुई दुनिया में तमन्ना का चिराग
मेरी उजड़ी हुई दुनिया में तमन्ना का चिराग
जब कोई आ के जलाता है तो हँस लेता हूँ
कोई दावा नहीं फरियाद नहीं तंज़ नहीं
कोई दावा नहीं फरियाद नहीं तंज़ नहीं
रहम जब अपने से आता है तो हँस लेता हूँ
रहम जब अपने से आता है तो हँस लेता हूँ
जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ

Trivia about the song Jab Gham - E - Ishq Satata Hai by Mukesh

Who composed the song “Jab Gham - E - Ishq Satata Hai” by Mukesh?
The song “Jab Gham - E - Ishq Satata Hai” by Mukesh was composed by Jaidev, Nyaya Sharma.

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