Jane Kahan Gaye Woh Din
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएंगे
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको ना भूल पाएंगे
मेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार ने
मेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार ने
मुझको रुला रुला दिया जाती हुई बहार ने
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको ना भूल पाएंगे
अपनी नज़र में आज कल दिन भी अंधेरी रात है
अपनी नज़र में आज कल दिन भी अंधेरी रात है
साया ही अपने साथ था साया ही अपने साथ है
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको ना भूल पाएंगे