Joshe Jawani Hai Re Hai

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
दुनिया का मेला मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं
जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
दुनिया का मेला मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं

शाम का रंगी शोख नज़ारा
और बेचारा ये दिल
धुंध के हारा कोई सहारा
पर न मिली मंजिल
शाम का रंगी शोख नज़ारा
और बेचारा ये दिल
धुंध के हारा कोई सहारा
पर न मिली मंजिल
जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
दुनिया का मेला मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं

कोई तो हमसे दो बात करता
कोई तो कहता hello
घर न बुलाता पर ये तो कहता
कुछ दूर तक संग चलो
कोई तो हमसे दो बात करता
कोई तो कहता hello
घर न बुलाता पर ये तो कहता
कुछ दूर तक संग चलो
जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
दुनिया का मेला मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं
जोश ए जवानी हाय रे हाय
निकले जिधर से धूम मचाये
दुनिया का मेला मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मै

Trivia about the song Joshe Jawani Hai Re Hai by Mukesh

Who composed the song “Joshe Jawani Hai Re Hai” by Mukesh?
The song “Joshe Jawani Hai Re Hai” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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