Kisi Ki Muskurahaton Pe [LP Classics]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसीका दर्द मिल सके तो ले उधार
किसीके वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसीका दर्द मिल सके तो ले उधार
किसीके वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है

माना अपनी जेब से फ़कीर है
फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं
माना अपनी जेब से फ़कीर हैं
फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं
मिटे जो प्यार के लिये वो ज़िन्दगी
जले बहार के लिये वो ज़िन्दगी
किसी को हो न हो हमें तो ऐतबार
जीना इसी का नाम है

रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
के मर के भी किसी को याद आयेंगे
किसी के आँसुओं में मुस्कुरायेंगे
कहेगा फूल हर कली से बार बार
जीना इसी का नाम है
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसीका दर्द मिल सके तो ले उधार
किसीके वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है

Trivia about the song Kisi Ki Muskurahaton Pe [LP Classics] by Mukesh

Who composed the song “Kisi Ki Muskurahaton Pe [LP Classics]” by Mukesh?
The song “Kisi Ki Muskurahaton Pe [LP Classics]” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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