Koi Jab Tumhara Hriday Tod De [Revival]

ANANDJI KALYANJI, Indeewar, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे

अभी तुम को मेरी ज़रूरत नही
बहोत चाहनेवाले मिल जाएँगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कंवल जीतने चाहोगी खिल जाएँगे
दरपन तुम्हे जब डराने लगे
जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा सर झुका है झुका ही रहेगा तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे

कोई शर्त होती नहीं प्यार में
मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा
बुझाने लगी आरती का दिया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो
अंधेरो में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
ये दीपक जला है जला ही रहेगा तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे

Trivia about the song Koi Jab Tumhara Hriday Tod De [Revival] by Mukesh

Who composed the song “Koi Jab Tumhara Hriday Tod De [Revival]” by Mukesh?
The song “Koi Jab Tumhara Hriday Tod De [Revival]” by Mukesh was composed by ANANDJI KALYANJI, Indeewar, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH.

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