Main Nashe Men Hoon

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद मे बैठकर
या वो जगह बता दे जहाँ पर खुदा ना हो
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू
अब तो मुमकिन है बहकना में नशे मे हू
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू

कल की यादे मिट रही है दर्द भी है कम
अब ज़रा आराम से आ जा रहा है दम
अरे आ जा रहा है दम
कम है अब दिल का तड़पना में नशे मे हू
अब तो मुमकिन है बहकना में नशे मे हू
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू

ढल चुकी है रात कब की उठ गयी महफ़िल
में कहा जाऊ नही कोई मेरी मंज़िल
नही कोई मेरी मंज़िल
दो कदम मुश्क़िल है चलना में नशे मे हू
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू

है ज़रा सी बात और छलके है कुछ प्याले
पर ना जाने क्या कहेगे ये जहाँ वाले
कहेगे ये जहाँ वाले
तुम बस इतना याद रखना में नशे मे हू
अब तो मुमकिन है बहकना में नशे मे हू
मुझ को यारो माफ़ करना में नशे मे हू

Trivia about the song Main Nashe Men Hoon by Mukesh

Who composed the song “Main Nashe Men Hoon” by Mukesh?
The song “Main Nashe Men Hoon” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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