Mujhko Is Raat Ki Tanhain Mein

ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, SHAMEEN JAIPURI

मुझको इस रात की तन्हाई में आवाज़ न दो
आवाज़ न दो, आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
वो साज़ न दो आवाज़ न दो

रौशनी हो न सकी दिल भी जलाया मैंने
तुमको भुला भी नहीं लाख भुलाया मैंने
मैं परेशा हूँ मुझे और परेशा न करो
आवाज़ न दो

इस कदर जल्द किया मुझसे किनारा तुमने
कोई भटकेगा अकेला ये न सोचा तुमने
छुप गए हो तो मुझे याद किया न करो
आवाज़ न दो
मुझको इस रात की तन्हाई में आवाज़ न दो
आवाज़ न दो आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
वो साज़ न दो आवाज़ न दो

Trivia about the song Mujhko Is Raat Ki Tanhain Mein by Mukesh

Who composed the song “Mujhko Is Raat Ki Tanhain Mein” by Mukesh?
The song “Mujhko Is Raat Ki Tanhain Mein” by Mukesh was composed by ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, SHAMEEN JAIPURI.

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