O Janewale Ho Sake To Laut Ke Aana

SHAILENDRA, S D Burman

ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना आ आ आ
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना हम्म हम्म
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना

बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
ढूँढेंगे तुझे गली गली सब ये ग़म के मारे
पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना आ आ आ
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
आ आ आ आ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ आ
दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए
दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए
फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए
है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना हो हो हो
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना हम्म हम्म
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना

Trivia about the song O Janewale Ho Sake To Laut Ke Aana by Mukesh

Who composed the song “O Janewale Ho Sake To Laut Ke Aana” by Mukesh?
The song “O Janewale Ho Sake To Laut Ke Aana” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, S D Burman.

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