O Maiya Mori Main Nahin Makhan

Rajinder Krishnan, Roshan Rajesh

मैया मोरी मैं
नही माखन खायो
मैया मोरी मैं
नही माखन खायो
कहट सुनत मे आकर
कहे झूठा दोष लगायो
री मैया मोरी मैं
नही माखन खायो
री मैया मोरी मैं
नही माखन खायो

यमुना के तट पर ग्वाल
बाल संग चार सहर मैं खेला
गैया चार्वात बंसी
बाजवट संज की बेला
भूक लगी तो दौड़त
दौड़त सीधा माएईन घर आयो
री मैया मोरी मैं नही माखन खायो
री मैया मोरी मैं नही माखन खायो

ना कोई मैने मटकी
फोड़ी ना कोई की है चोरी
जान लिया क्यों मुझको
झूठा तूने मैया मोरी
अपने अंग को कैसे
समझा तूने आज परयो
री मैया मोरी मैं नही माखन खायो
री मैया मोरी मैं नही माखन खायो

मे तो बाबा नंद के
लाला कहे चोर काहऔ
अपने घर मे कौन
कमी जो बाहर माखन ख़ौ
बात सुनी तो माता
यशोदा हंसकर कंठ लगायो
फिर बोली टू नही माखन खायो
ो बृंदा मोरे तू नहीं माखन खायो
रे कृष्णा मोरे नही माखन खायो

Trivia about the song O Maiya Mori Main Nahin Makhan by Mukesh

Who composed the song “O Maiya Mori Main Nahin Makhan” by Mukesh?
The song “O Maiya Mori Main Nahin Makhan” by Mukesh was composed by Rajinder Krishnan, Roshan Rajesh.

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