Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein

INDEEWAR, MUKESH

पल भर ही की पहचान में
परदेसी सनम से
पल भर ही की पहचान में
परदेसी सनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से

निगाहें चौंकीं
दिल किसी दूसरी दुनिया में खो गया
किसे देखा है
की ज़िन्दगी से मुझे प्यार हो गया
किस ने महका दिया है
आके राहो को मेरी
राहो के भाग जाग गए किस के कदम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से

किसी जीवन में सही
तुम से मेरी प्रीत रही
तुम से मेरी प्रीत रही
जो गीत भूल गए
आज लगते हैं नए
एहसान है क़िसमत का
मिलाया तुम्हे हम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से

ज़रा शर्मना
और मुस्काना हे
निशानी प्यार की
बिना बोले ही नैन कह देते हैं
कहानी प्यार की
जिस ने दिल हार दिया
उस ने जग जीत लिया
दिल दे के क्या मिला न
कहा जाएगा हम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
पल भर ही की पहचान में
परदेसी सनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से
लगता है की हम जानते हो
जनम जनम से

Trivia about the song Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein by Mukesh

When was the song “Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein” released by Mukesh?
The song Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein was released in 1956, on the album “Anuraag”.
Who composed the song “Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein” by Mukesh?
The song “Pal Bhar Hi Ki Pehchan Mein” by Mukesh was composed by INDEEWAR, MUKESH.

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