Tu Kahe Agar [Revival]

Majrooh Sultanpuri, Naushad

तू कहे अगर, तू कहे अगर
तू कहे अगर जीवन भर
मैं गीत सुनाता जाऊं
मन बीन बजाता जाऊं
तू कहे अगर

और आज मैं अपने दिल की
हर दिल मैं लगता जाउ
दुःख दर्द मिटा त जाउ
तू कहे अगर

ओ मैं साज़ हूँ तू सरगम है
मैं साज़ हूँ तू सरगम है
देती जा सहारे मुझको
देती जा सहारे मुझको
मैं राग हूँ तू बीणा है
मैं राग हूँ तू बीणा है
इस दम जो पुकारे तुझको
आवाज़ में तेरी हर दम
आवाज़ मिलाता जाऊं
आकाश पे छाता जाऊं
तू कहे अगर्

ओ इन बोलों में, तू ही तू है
मैं समझूँ या तू जाने, हो जाने
इनमें है कहानी मेरी, इनमें है तेरे अफ़साने
इनमें है तेरे अफ़साने
तू साज़ उठा उल्फ़त का
मैं झूम के गाता जाऊं
सपनों को जगाता जाऊं
तू कहे अगर्

Trivia about the song Tu Kahe Agar [Revival] by Mukesh

Who composed the song “Tu Kahe Agar [Revival]” by Mukesh?
The song “Tu Kahe Agar [Revival]” by Mukesh was composed by Majrooh Sultanpuri, Naushad.

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