Zindagi Khwab Hai [Short]

SHAILENDRA, Salil Chowdhury

ज़िन्दगी ख्वाब है
ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है

दिल ने हम से जो कहा
हम ने वैसा ही किया
दिल ने हम से जो कहा
हम ने वैसा ही किया
फिर कभी फुरसत
से सोचेंगे
बुरा था या भला
ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक कतरा मई का जब
पत्थर के होंठों पर पड़ा
एक कतरा मई का जब
पत्थर के होंठों पर पड़ा
उस के सीने में
भी दिल धड़का
ये उस ने भी कहा
क्या ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक प्याली भर के मैं ने
ग़म के मारे दिल को दी
एक प्याली भर के मैं ने
ग़म के मारे दिल को दी
ज़हर ने मारा ज़हर को
मुर्दे में फिर जान आ गई
ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है
ख्वाब में झूठ है क्या
और भला सच है क्या

Trivia about the song Zindagi Khwab Hai [Short] by Mukesh

Who composed the song “Zindagi Khwab Hai [Short]” by Mukesh?
The song “Zindagi Khwab Hai [Short]” by Mukesh was composed by SHAILENDRA, Salil Chowdhury.

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