Suroor Sa
Mann Taneja
आ कहीं हम चले
थाम के हाथ चाँद का
ओऊ चाँद का
तेरी बातों मैं दिन ढले
तू सुकून है जज़्बात का
हाँ जज़्बात का
तुझे देख के
दिल को लगे जीने की
तू ही वजह हाँ वजह
मैं तेरा यूँ हो गया
जैसे कोई दस्तूर सा
नशा मुझपे चड्डा रहा
जैसे कोई सुरूर सा
जैसे कोई सुरूर सा
जैसे कोई सुरूर सा
ख़्वाबों मैं तेरे
आब रहना है मुझे
रहना है मुझे
सर्दी की धूप सा
गिर ना है मुझे
गिर ना है मुझे
चाहा तुझे और
तेरे ही हो गए
लफ़्ज़ों यारा हम
तोह हाँ खो गए
हाँ खो गए
हम खो गए
पके तुझे जीने लगे
हम इसकदर थोड़ा से
हाँ ज़रा सा
मैं तेरा यूँ हो गया
जैसे कोई दस्तूर सा
नशा मुझपे चड्डा रहा
जैसे कोई..कोई सुरूर सा
जैसे कोई सुरूर सा
जैसे..कोई सुरूर सा
सुरूर सा सुरूर सा
कोई सुरूर सा