Ka Kha Gha

AMIT TRIVEDI, AMITABH BHATTACHARYA

ए तुमसे मिली
तो प्यार का सीखा है का खा गा घ
ए समझाओ ना
क्यूँ प्यार का उल्टा है का खा गा घ
क्यूँ जो दर्द दे, तडपाए भी
लगता है प्यारा वो ही
क्यूँ टूटे यह दिल
कहलाए दिल कभी

तैरने की जो कोशिशें करे
काहे डूब जाता है
सब भूल के जो डूब जाए क्यूँ
वो ही तैर पाता है
वो जो हर पल खेल में जीता हाँ
दिलबर से हरा वोही
क्यूँ टूटे यह दिल कहलाए दिल कभी

ए तुमसे मिली
तो प्यार का सीखा है का खा गा घ
ए समझाओ ना
क्यूँ प्यार का उतला है का खा गा घ

ए..पापाप..पापाप हे
पाअरप..पा..पा..पा..पा..पा..पा

धत तेरी इसकी हर सज़ा क़ुबूल जिससे
यहाँ वही-वही बरी हुआ है
इस्पे जो मुक़दमा करे
अजी वही-वही मारा है
बताओ क्यूँ इश्स जेल से
भागा है जो दोबारा लौटा वो भी क्यूँ
क्यूँ टूटे यह दिल कहलाए दिल कभी
ए तुमसे मिली
तो प्यार का सीखा है का खा गा घ
ए समझाओ ना
क्यूँ प्यार का उतला है का खा गा घ

Trivia about the song Ka Kha Gha by Neeti Mohan

Who composed the song “Ka Kha Gha” by Neeti Mohan?
The song “Ka Kha Gha” by Neeti Mohan was composed by AMIT TRIVEDI, AMITABH BHATTACHARYA.

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