Aayegi Lakh Haseen
हम्म ओहो हो
आयेंगे लाख हँसि बदलेगा रोज जहाँ
अपनी किस्मत में न अब प्यार का मौसम होगा
आयेंगे लाख हँसि बदलेगा रोज जहाँ
अपनी किस्मत में न अब प्यार का मौसम होगा
पढके क्यों फेंक दिया मुझको किताबों की तरह
पढके क्यों फेंक दिया मुझको किताबों की तरह
मैं भी इंसान हूँ दिल हैं मेरा औरों की तरह
गैर ने की थी खता मैंने पायी हैं सजा
जागते सोते तेरी याद का मातम होगा
आयेंगे लाख हँसि बदलेगा रोज जहाँ
अपनी किस्मत में न अब प्यार का मौसम होगा
मेरे रोने पे हँसी तुझको जो आयी होगी
ओ मेरे रोने पे हँसी तुझको जो आयी होगी
आँख न शर्म से फिर खुद से मिलायी होगी
कैसे आए यह यकीन तू मेरे पास नहीं
अब तो महफ़िल में भी तन्हाई का आलम होगा
आयेंगे लाख हँसि बदलेगा रोज जहाँ
अपनी किस्मत में न अब प्यार का मौसम होगा
अपनी किस्मत में न अब प्यार का मौसम होगा