Ae Pyase Dil Bezuban

Shailendra

ऐ प्यासे दिल बेज़ुबान
तुझको ले जाऊ कहा
ऐ प्यासे दिल बेज़ुबान
तुझको ले जाऊ कहा आ आ आ
आग को आग में ढाल के
कब तक जी बेहलायेगा
ऐ प्यासे दिल बेजुबान

घटा झुकी और हवा चली तो हमने किसी को याद किया
चाहत के वीराने को उनके गम से आबाद किया
घटा झुकी और हवा चली तो हमने किसी को याद किया
चाहत के वीराने को उनके गम से आबाद किया
ऐ प्यासे दिल बेजुबान
मौसम की यह मस्तिया आ
आग को आग में ढाल के
कब तक जी बहलायेगा
ऐ प्यासे दिल बेजुबान

तारे नहीं अंगारे हैं वो अब चाँद भी जैसे जलता है
नींद कहा सीने पे कोई भारी कदमों से चलता है
तारे नहीं अंगारे हैं वो अब चाँद भी जैसे जलता है
नींद कहा सीने पे कोई भारी कदमों से चलता है
ऐ प्यासे दिल बेजुबान
दर्द है तेरी दास्ताँ आ आ आ
आग को आग में ढाल के
कब तक जी बहलायेगा
ऐ प्यासे दिल बेजुबान

कहा वह दिन अब कहा वह राते तुम रूठी किस्मत रूठी
गैर से भेद छुपाने को
हम हसते फिरे हँसि झूठी
ऐ प्यासे दिल बेजुबान लूट के रहा तेरा जहाँ आ आ आ

Trivia about the song Ae Pyase Dil Bezuban by Nitin Mukesh

Who composed the song “Ae Pyase Dil Bezuban” by Nitin Mukesh?
The song “Ae Pyase Dil Bezuban” by Nitin Mukesh was composed by Shailendra.

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