Gham Ka Sataya Hua

JITIN SHYAM, SHABNAM KARWARI

घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
ज़िंदगी के हर
खेल में हरा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ

शायद मेरे हाथ में
जीत की रेखा नहीं
जो भी मैने चाहा उसे
खोते हुए देखा नहीं
पा सका ना मैं उसे
जो भी मुझे प्यारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ

आरज़ू में फूल की
कंतो पे मैं चलता रहा
खून मेरा आस के
दीपक में जलता रहा
आज मैं अकेला हूँ
दिल बेसहारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ

जाने क्या क्या दिल में था
ख्वाब थे अरमान थे
क्या खबर थी यह तबाही
के मेरी समान थे
रह गये भावर में हम
दूर अब किनारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
ज़िंदगी के हर
खेल में हरा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ.

Trivia about the song Gham Ka Sataya Hua by Nitin Mukesh

Who composed the song “Gham Ka Sataya Hua” by Nitin Mukesh?
The song “Gham Ka Sataya Hua” by Nitin Mukesh was composed by JITIN SHYAM, SHABNAM KARWARI.

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