Neend Se Ab Jaag Bande

TRADITIONAL, HARI OM SHARAN

नींद निशानी मौत की
उठ कबीरा जाग

और रसायन छाड़ि कै
नाम रसायन लाग
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे

हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
जा रही हर स्वांस बिरधा
जा रही हर स्वांस बिरधा
साई सुमिरन में लगा
साई सुमिरन में लगा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
स्वप्न के बंधन है झूठे
स्वप्न के बंधन है झूठे
मोह से मन को छुड़ा
मोह से मन को छुड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
नैन जो उलटे कबीरा
नैन जो उलटे कबीरा
साई तो सन्मुख खड़ा
साई तो सन्मुख खड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे

Trivia about the song Neend Se Ab Jaag Bande by Nitin Mukesh

Who composed the song “Neend Se Ab Jaag Bande” by Nitin Mukesh?
The song “Neend Se Ab Jaag Bande” by Nitin Mukesh was composed by TRADITIONAL, HARI OM SHARAN.

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