Afreen Afreen [Sangam And Salaalm]

NUSRAT FATEH ALI KHAN, JAVED AKHTAR, TRADITIONAL

सा नी धा गा नी नि धा
धा नी सा गा मा गा सा
सा नी धा गा नी नि धा
धा नी धा गा मा
सा गा मा गा धा धा धा नी
ध न ध न ध न ध न
नी धा पा पा धा मा मा पा गा
गा रे गा मा गा पा मा गा रे
आफरीन आफरीन
आफरीन आफरीन
आफरीन आफरीन
आफरीन आफरीन
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
आफरीं आफरीं आफरीं आफरीं
तू भी देखे अगर तो कहे हमनशीं
आफरीं आफरीं आफरीं आफरीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं

आफरीन आफरीन आफरीन आफरीन
आफरीन आफरीन आफरीन आफरीन
आफरीन आफरीन आफरीन
सा नि धा नि धा गा सा नि धा नि धा गा (आफरीन आफरीन )
गा म नि धा गा (आफरीन आफरीन )
गा म नि धा गा म नि धा (आफरीन आफरीन )
ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
जिस्म नगमा कोई जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे महकती हुई चांदनी
जिस्म जैसे के खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे के सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश ओ दिलनशीं
संदली संदली मरमरी मरमरी
संदली संदली मरमरी मरमरी
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
तू भी देखे अगर तो कहे हमनशीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं

आफरीं आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं आफरीं
आ आ आ आ आ
आँखें देखी तो मैं देखता रह गया
जाम दो और दोनों ही दो आतशां
आँखें या मैकदे की ये दो बाब हैं
आँखें इनको कहूँ या कहूँ ख्वाब हैं
आँखें नीचे हुईं तो हया बन गयीं
आँखें ऊँची हुईं तो दुआ बन गयीं
आँखें उठाकर झुकीं तो अदा बन गयीं
आँखें झुकाकर उठीं तो अदा बन गयीं
आँखें जिनमें है क़ैद आसमां और ज़मीं
नरगिसी नरगिसी सुरमई सुरमई
नरगिसी नरगिसी सुरमई सुरमई
मा सा मा ग ध नि सा
सा सा नि म ग म ग धा म ग धा
सा नि सा नि सा सा ग ग सा ग मा ग ग मा नि सा
ध नि धा ध नि धा ध नि धा म गा नि धा गा म
ध नि धा ध नि धा ध नि धा म गा
सा नि ग सा मा ग प मा नि सा ध नि सा ग मा ध
नि ध मा ग ध मा ग ग ग रे ग ग सा
मा सा मा ग ध नि सा
मा ग ध नि सा मा ग ध नि सा मा ग ध नि सा ध मा ग
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं
आफरीं आफरीं

Trivia about the song Afreen Afreen [Sangam And Salaalm] by Nusrat Fateh Ali Khan

Who composed the song “Afreen Afreen [Sangam And Salaalm]” by Nusrat Fateh Ali Khan?
The song “Afreen Afreen [Sangam And Salaalm]” by Nusrat Fateh Ali Khan was composed by NUSRAT FATEH ALI KHAN, JAVED AKHTAR, TRADITIONAL.

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