Dil Pe Zakham Khate Hain

FARRUKH ALI KHAN, NUSRAT FATEH ALI KHAN, IQBAL SAFIPUR

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

जुर्म सिर्फ इतना है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है

एतबार बढ़ता है और भी मोहब्बत का
एतबार बढ़ता है और भी मोहब्बत का
जब वो अनजबी बन कर
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
उनकी अंजुमन भी है तार भी रसन भी है
उनकी अंजुमन भी है तार भी रसन भी है
देखना है दीवाने
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

Trivia about the song Dil Pe Zakham Khate Hain by Nusrat Fateh Ali Khan

Who composed the song “Dil Pe Zakham Khate Hain” by Nusrat Fateh Ali Khan?
The song “Dil Pe Zakham Khate Hain” by Nusrat Fateh Ali Khan was composed by FARRUKH ALI KHAN, NUSRAT FATEH ALI KHAN, IQBAL SAFIPUR.

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