Besabab Rooth Ke

Saeed Rahi

बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा
तू भी तन्हाई में दीवार से टकराएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा

जानते हैं के तेरी ज़ीद भी तेरे जैसी हैं
जानते हैं के तेरी ज़ीद भी तेरे जैसी हैं
तू गये वक़्त की मानिंन्द नही आएगा
तू गये वक़्त की मानिंन्द नही आएगा
तू भी तन्हाई में दीवार से टकराएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा

लोग जाते हुए मौसम की तरह होते हैं
लोग जाते हुए मौसम की तरह होते हैं
ये ज़माना ही किसी दिन तुझे बतलाएगा
ये ज़माना ही किसी दिन तुझे बतलाएगा
तू भी तन्हाई में दीवार से टकराएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा

जिस तरफ भी तेरी बेचैन नज़र जाएगी
जिस तरफ भी तेरी बेचैन नज़र जाएगी
हर जगह तुझी को मेरा नाम नज़र आएगा
हर जगह तुझी को मेरा नाम नज़र आएगा
तू भी तन्हाई में दीवार से टकराएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा
बे सबब रूठ के जाने की सज़ा पाएगा

Trivia about the song Besabab Rooth Ke by Pankaj Udhas

Who composed the song “Besabab Rooth Ke” by Pankaj Udhas?
The song “Besabab Rooth Ke” by Pankaj Udhas was composed by Saeed Rahi.

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