Yaad
रात ऐसे बिताई है...
रात ऐसे बिताई है, तुम्हें याद किया है
रात ऐसे बिताई है, तुम्हें याद किया है
जब नींद ना आई है, तुम्हें याद किया है
जब नींद ना आई है, तुम्हें याद किया है
गा रे गा, गा रे गा
सा रे गा रे गा, गा रे गा
मा धा नि सा नि धा, नि धा
मा पा नि धा नि सा
हर शाम किसी आस की दहलीज़ पे दिल ने
हर शाम किसी आस की दहलीज़ पे दिल ने
जब शम्मा जलाई है, तुम्हें याद किया है
जब शम्मा जलाई है, तुम्हें याद किया है
रात ऐसे बिताई है, तुम्हें याद किया है
जब भी किसी पागल ने कहीं रेत पे घर की
जब भी किसी पागल ने कहीं रेत पे घर की
तस्वीर बनाई है, तुम्हें याद किया है
तस्वीर बनाई है, तुम्हें याद किया है
रात ऐसे बिताई है, तुम्हें याद किया है
तन्हाई की सन्नाटों-भरी रातों में तुम बिन
तन्हाई की सन्नाटों-भरी रातों में तुम बिन
जब जाँ पे बन आई है, तुम्हें याद किया है
जब जाँ पे बन आई है, तुम्हें याद किया है
रात ऐसे बिताई है, तुम्हें याद किया है
जब नींद ना आई है, तुम्हें याद किया है