Sirhaana
मैं रोया वी उत्ते
मैं हसेया वी नाल वे
मैं सोया वी उत्ते
रति जागेया मैं हार के
मैं अखां करा बंद
होये दिसदी तेरी छो
मेरे हंजुआ दे उत्ते
मैं नि लिखेया किताब
सिरहाना है गवाह
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुछलो जनाब
सिरहाना है गवाह
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुछलो जनाब
सिरहाना है गवाह
जिन आँखो में खवाब लेकर
सोया करता था
उन आँखो से अब ख़ालीपन
खरा पानी बन कर छलक आता है
क्या हुआ अगर इस अपनी जगह में
अपना कोई भी नही
सिरहाना तो सिरहाना है
समझ जाता है
सिरहाना है गवाह
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुछलो जनाब
सिरहाना है गवाह
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुछलो जनाब
सिरहाना है गवाह
मा कहती बेटा अलग है तू
हन मा रहता तोड़ा अलग ही हूँ
ये दुनिया दुनियादारी पल्ले नि पड़ती
क्यूँ I ain't gotta clue
आए दुनिया दा खेल आए
मैं पीछे अनाड़ी रह गया
मेरा शब्दन नाल मेल आए
अएडा व्यापारी रह गया
अखान ताल्ले हानेरा है
छड्ड्या रातन कालियाँ ने रंग
मान लगदा नि मेरा
अंडारो रहना मैं तंग
हूँ सुकून वी आए चाह वे
जे मैं लबड़ा फिरदा
मैं खोना वी उत्ते
मैं लबना वी नाल वे
मैं सोना वी उत्ते
राती जागना मैं हार के
मैं अखान कारण बंद
होये डिसदी तेरी छो
मेरे हंजुआन दे उत्ते
मैं नि लिखेया किताब
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुच्छलो जनाब
सिरहाना है गवाह
मैं हर इक रात दा
नि लिखेया हिसाब
पर पुच्छलो जनाब
सिरहाना है गवाह
सिरहाना है गवाह
सिरहाना है गवाह
सिरहाना है गवाह
सिरहाना है गवाह