Baarish Ka Bandhan
Piyush Mishra
मनवा का संगम बारिश का बंधन
बिजली की थिरकन बादल की धड़कन
ऐसे में क्या कुछ बता पाओगे तुम
ऐसे में क्या कुछ बता पाएंगे हम
बूंदे हैं किस्से बूंदे कहानी
बस एक ज़मीन है उसकी जुबानी
सीपी के होंठो में मोती छुपा है
लेकिन समंदर ही बस जानता है
मन ही है हरपल मन ही है हरदम
कभी फड़फड़ाता कभी रुख पे थमथम
ऐसे में क्या कुछ बता पाओगे तुम
ऐसे में क्या कुछ बता पाएंगे हम
रास्ता सड़क का और वो दो हैं
रास्ता सड़क का और वो दो हैं
धुंए की मंज़िल के और छोर दो हैं
एक छोर मेरा है एक है तुम्हारा
बाकि ये जीवन सारा का सारा
ये ही है जीवन ,ये ही है जीवन
ज्यादा कहो या फिर केहदो कम कम
ऐसे में क्या कुछ बता पाओगे तुम
ऐसे में क्या कुछ बता पाएंगे हम