Toot Gai Hai Mala

LAXMIKANT PYARELAL, MANIAN PRADEEP

टूट गयी है माला

टूट गयी है माला मोती बिखर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गयी है माला

मिलन की दुनिया छोड़ चले
यह आज बिरह में सपने
मिलन की दुनिया छोड़ चले
यह आज बिरह में सपने
खोए खोए नैनों में हैं
उजड़े उजड़े सपने
उजड़े उजड़े सपने
व्याध की गठरी लिए
झुकाये नजर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गयी है माला

अब तोह यह जग में
जियेंगे आँसू पीते पीते
अब तोह यह जग में
जियेंगे आँसू पीते पीते
जैसी इनपे बीति वैसी और
किसी पे ना बीते
और किसी पे ना बीते
कोई मत पूछो इन्हें
के यह किस डगर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गयी है माला मोती बिखर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले

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