Meray Pass Tum Ho [Original]

Khalil Ur Rehman Qamar

भूल जाने का हुनर
मुझको सिखाते जाओ
जा रहे हो तो सभी नक़्श
मिटाते जाओ
चलो रस्मन ही सही
मुद के मुझे देख तो लो
तोड़ते तोड़ते तालुक़ को
निभाते जाओ
हम्म हम्म कभी कभी यह मुझे सताए
कभी कभी ये रुलाए
कभी कभी यह मुझे सताए
कभी कभी ये रुलाए

फ़क़त मेरे दिल से उतर जाइयेगा
फ़क़त मेरे दिल से उतर जाइयेगा
बिछड़ना मुबारक बिछड़ जाइयेगा
कभी कभी यह मुझे सताए
कभी कभी ये रुलाए आ दे रे ना दे रे ना
में समझा था तुम हो
तो क्या और मांगूं
मेरी ज़िन्दगी में
मेरी आस तुम हो

में समझा था तुम हो
तो क्या और मांगूं
मेरी ज़िन्दगी में
मेरी आस तुम हो

यह दुनिया नहीं है
मेरे पास तो क्या
मेरा ये भरम था
मेरे पास तुम हो

मगर तुम से सीखे
मोहब्बत भी हो तू
दग़ा कीजियेगा
मुकर जाइयेगा

हम्म हम्म तेरा हाथ कल तक
मेरे हाथ में था
तेरा दिल धड़कता था
दिल में हमारे

ये मग़रूर आँखें
जो बदली हुई हैं
कभी हम ने इनके
सदके उतारे

कहीं अब मुलाक़ात
हो जाए हम से
बचा कर नज़र को
गुज़ार जाईयेगा
जीना है तेरे बिना
जीना है तेरे बिना
जीना है अब मुझको तेरे बिना

Trivia about the song Meray Pass Tum Ho [Original] by Rahat Fateh Ali Khan

Who composed the song “Meray Pass Tum Ho [Original]” by Rahat Fateh Ali Khan?
The song “Meray Pass Tum Ho [Original]” by Rahat Fateh Ali Khan was composed by Khalil Ur Rehman Qamar.

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