Awaaz
Ekansh Mamgai, Rahul Shah, Subashish Chakraborty
ऐसी आवाज़ आती है, रूह तक ये जाती है
तुझमें ही तो दुनिया मेरी समाई है
ऐसी आवाज़ आती है, रूह तक ये जाती है
तुझमें ही तो दुनिया मेरी समाई है
खोए-खोए सारे सपने, थे अधूरे सारे सपने
खोए-खोए सारे सपने, थे अधूरे सारे सपने
दिल के बस्ते से गुम हो गए
ऐसी आवाज़ आती है, रूह तक ये जाती है
तुझमें ही तो दुनिया मेरी समाई है
हम्म्म हम्म्म
रात के अंधेरे में तूने ही संभाला
इस रूह को तूने कितना है संवारा
रात के अंधेरे में तूने ही संभाला
इस रूह को तूने कितना है संवारा
याद तेरी ही आएगी, जब नींद नहीं आएगी
ऐसी आवाज़ आती है, रूह तक ये जाती है
तेरी आवाज़ क्यों आती है