Aaja Re Kanhaiya Tohe Radha Bana Du [Krishna Bhajan Vol. 8]
ओ आजा रे कन्हैया तोहे राधा बना दू
ओ मुरली वाले जग से निराले तन मन के काले
अमृत के प्याले मेरे मन को बांधने वाले
तोहे घाघरा बांधना सिखादू आ राधा बना दू
अनाड़ी चित चोर रसिया
कसके चोली के बंद क़स्दु
तू तड़पे और मैं मुस्का दू
मैं मुस्का दू
आजा रे कन्हैया तोहे राधा बना दू
अरे वाह अब ओढ़नी भी ओढ़नी पड़ेगी
मैं तोहे ओढ़नी ओड़ा के रे निर्लज कछु लाज सीखा के
कान्हा तेरे कोमल तन पे राधा का सिंगार सजा दू
राधा का सिंगार सजा दू ओ राधा बना दू
आजा रे कन्हैया तोहे राधा बना दू