Banke Bihari

Traditional

बांके बिहारी की बांसुरी बाँकी , पेसुदो करेजा में घाउ करेरी
मोहन तान ते होए लगाओ तो औरन ते अलगाउ करेरी
गैर गली घर घाट पे घेरे
गैर गली घर घाट पे घेरे कहा लगी कोउ बचाउ करेरी
जादू पढ़ी रस भीनी छड़ी मन बेतत् काल प्रभाउ करेरी
जादू पढ़ी रस भीनी छड़ी, मन बेतत् काल प्रभाउ करेरी

मोहन नाम सो मोहन जानत, दासी बनाइके देत उदासी
छोड़ चली धन धाम सखी सब बाबुल मैया की पानी पनासी
एक दिना की जो होइ तो झेले
एक दिना की जो होइ तो झेले सखा बस बांस बांसुरी बारहमासी
सोने की होती तो का गति होती भई गल फ़ासी जे बांस की बांसी
सोने की होती तो का गति होती भई गल फ़ासी जे बांस की बांसी

कानन कानन बाजी रही अरु कानन कानन देत सुनाई
कान न मानत पीर ना जानत का कारे कान करे अब माई
हरिया धमृत पान करे
हरिया धमृत पान करे अभिमान करे देखो बांस की जाइ
प्राण सबै के धरे अधरान हरी जब ते अधरान धराई
प्राण सबै के धरे अधरान हरी जब ते अधरान धराई

घोर भयो नवनीत केले अरु प्रीत केले बदनाम भयोरी
राधिका रानी के दूधिया रंग ते रंग मिलायो तो श्याम भयोरी
काम कलानिधि कृष्ण की कांति के
काम कलानिधि कृष्ण की कांति के कारन काम अकाम भयोरी
प्रथमांकर बनवारी को ले रज खण्ड सखी ब्रजधाम भयोरी
प्रथमांकर बनवारी को ले रज खण्ड सखी ब्रजधाम भयोरी

Trivia about the song Banke Bihari by Ravindra Jain

Who composed the song “Banke Bihari” by Ravindra Jain?
The song “Banke Bihari” by Ravindra Jain was composed by Traditional.

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