Kanha Re Thoda Sa Pyaar De [2]
Kottakkal Madhu
कान्हा रे थोडा सा प्यार दे
चरणो मे बैठा के तार दे
ओ गौरी घुंघट उभार दे
प्रेम की भिक्षा झोली में डाल दे
कान्हा रे थोडा सा प्यार दे
चरणो मे बैठा के तार दे
प्रेम गली में आके गुजरिया
भूल गई रे घर कि डगरिया
जब तक साधन, तन, मन, जीवन
सब तुझे अर्पण, प्यारे सांवरिया
माया का तुमने रंग ऐसा डाला
बंधन मे बंध गया बाँधने वाला
कौन रमापती कैसा ईश्वर, मैं तो हूँ गोकुल का ग्वाला
गवाला रे थोडा सा प्यार दे गवालिन का जीवन सवार दे