Ram Hi Janey Mahasangram Ka Kya Hoga Parinam [Part 2]

Kanhangad Ramachandran

महासंग्राम

महासंग्राम

महासंग्राम

महासंग्राम

राम ही जाने महासंग्राम का क्या होगा परिणाम (राम ही जाने महासंग्राम का क्या होगा परिणाम)
महासंग्राम (महासंग्राम)

महासंग्राम (महासंग्राम)

महासंग्राम (महासंग्राम)

महासंग्राम (महासंग्राम)

कपटी माया जाल बिछावे प्रगटे कबहु कबहु छिप जावे

प्रगटे कबहु कबहु छिप जावे

जो ज्यों तीर लखन पर मारे मानहु अपनी मेधक डारे
लक्ष्मण शक्ति असुर पहचाने अपनों अंत मनहि मन जाने
खन यह लखन कोप को भाजन धृण निश्चय अब किन्हों लक्ष्मण

नहीं उद्दंड को दंड दिया तो लखन ना मेरा नाम

महासंग्राम (महासंग्राम)

महासंग्राम (महासंग्राम)

बोहोत खिलाया खेल के अब ये खेल यहीं पर्याप्त हो

खेल यहीं पर्याप्त हो

मायाविरा चस्की माया और न जग मे व्याप्त हो

और न जग मे व्याप्त हो

तू है वीर, वीर गति तुझको वीर के हाथों प्राप्त हो

वीर के हाथों प्राप्त हो

मेघनाथ अब तेरी जीवन लीला यही समाप्त हो

जीवन यही समाप्त हो

Trivia about the song Ram Hi Janey Mahasangram Ka Kya Hoga Parinam [Part 2] by Ravindra Jain

Who composed the song “Ram Hi Janey Mahasangram Ka Kya Hoga Parinam [Part 2]” by Ravindra Jain?
The song “Ram Hi Janey Mahasangram Ka Kya Hoga Parinam [Part 2]” by Ravindra Jain was composed by Kanhangad Ramachandran.

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