Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod

K. S. Chithra, Kester, Philomina

चक्रवर्ती पद संपदा गौरव गाथा छोड़
सबका स्वामी चल दिया सबसे नाता तोड़

आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ
जिया बिन देह ज्योति बिन दिवरा, माटी ही कहलावे हो ओ ओ

जी मे देह का जर्जर पिंजरा पंछी को नहीं भावे हो ओ ओ
जिस पिंजरे को छोड़े उसमे लौटी बहुरि न आवे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ

Trivia about the song Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod by Ravindra Jain

Who composed the song “Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod” by Ravindra Jain?
The song “Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod” by Ravindra Jain was composed by K. S. Chithra, Kester, Philomina.

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