Siya Ke Sankalp Ke Aage Raghukul Ka Raja Hara [Uttar Ramayan Part 4]

Ravindra Jain, Suresh Wadkar

जब एक सती ने दृढ़ होकर
महात्याग का व्रत उर धारा
सिया के संकल्प के आगे
रघुकुल का राजा हारा

इस दृढ़ संकल्प के आगे
रघुकुल का राजा हारा

रघुकुल की डग-मग नैया
अब कैसे लगे किनारे
हर कोई आशा बांधे
बस सिया की ओर निहारे

ये महाशक्ति वैदेही
आदर्श की प्रतिमा लागे
त्याग और बलिदान में सीता
लो बढ़ गई राम से आगे

आकाश है यदि श्री रघुवर तो
सीता है अटल ध्रुवतारा
सिया के संकल्प के आगे
रघुकुल का राजा हारा

इस दृढ़ संकल्प के आगे
रघुकुल का राजा हारा

Trivia about the song Siya Ke Sankalp Ke Aage Raghukul Ka Raja Hara [Uttar Ramayan Part 4] by Ravindra Jain

Who composed the song “Siya Ke Sankalp Ke Aage Raghukul Ka Raja Hara [Uttar Ramayan Part 4]” by Ravindra Jain?
The song “Siya Ke Sankalp Ke Aage Raghukul Ka Raja Hara [Uttar Ramayan Part 4]” by Ravindra Jain was composed by Ravindra Jain, Suresh Wadkar.

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