Pardesi Banke Rehte Ho

B.N. Sharma, Rajendra Prasanna

परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो
क्यूँ मेरे दिल में तुम
खाबों में आकर मेरे
खाबों में आकर मेरे
मुझे ऐसे मिलते हो तुम
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो

परदेसी चलो बन गये
निरमोहि ना बनो
एक बार दिल की धड़कने
तुम यार खुद सुनो
तुम यार खुद सुनो
घूँजे वहीं सदाए तो
घूँजे वहीं सदाए तो
मेरे पास आना तुम
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो

सीशे के महेल शायद तुम्हें
अब भा ही गये हैं
सोने के वार्ख आँखों पर
अब च्छा ही गये हैं
अब च्छा ही गये हैं
घर माटी का गर
याद आए तुम्हें
घर माटी का गर
याद आए तुम्हें
तो लौट आना तुम
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो

अब के बारिश में यहाँ
दीवारे ही बह जाएगी
घर बा पाओगे वहाँ
बस नीव ही रह जाएगी
बस नीव ही रह जाएगी
घर ज़रा भी ख़याल हमारा हैं
घर ज़रा भी ख़याल हमारा हैं
तो ओधके आना तुम
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो

परदेसी बनके साजन तुम
परदेश क्यूँ गये
आँखों में करके वादें
तुम भूल क्यूँ गये
तुम भूल क्यूँ गये
यादें करें
विवश तुम्हें तो
यादें करें
विवश तुम्हें तो
फिर लौट आना तुम
परदेसी बनके रहते हो
क्यूँ मेरे दिल में तुम
खाबों में आकर मेरे
खाबों में आकर मेरे
मुझे ऐसे मिलते हो तुम
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो
परदेसी बनके रहते हो

Trivia about the song Pardesi Banke Rehte Ho by Sadhana Sargam

Who composed the song “Pardesi Banke Rehte Ho” by Sadhana Sargam?
The song “Pardesi Banke Rehte Ho” by Sadhana Sargam was composed by B.N. Sharma, Rajendra Prasanna.

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