Aisa Laga Koi Paas Hai
ऐसा लगा कोई पास है
जीवन क राहों मैं साथ है
देखा जो हाथ बढ़ा के
सपनो क रैयष्मी दागे
टूटे मिले , रिश्ते जूठे मिले
रातों को मैं ना सोया
सब कुछ तो मैं ने खोया
तेरे लाई मैं ने तेरे लयी
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
चलता रहा दें दल गया
और मैं तन्हाई से मेल गया
जेने के आस लेके
यादें उदास लेके
चल ता रहा, यो ही चल ता रहा
जो बे मेले सहारे
सब ज़िंदगी ने हारे
तेरे लाई यो ही जलता रहा
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
ऊऊ
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही हे अपना
नहीं कोई अपना
हाथों मैं लेके एक टुटा सपना
कोई नही जैसे कहो मैं अपना
नहीं कोई अपना