Boondein Ye Barse [Lofi]
Salim Sulaiman
बूँदें ये बरसे हैं कि घर आओ ना
नैना ये तरसे हैं कि घर आओ ना
तेरी लौ से है रौशन मेरा जहाँ
कैसे जिएँगे हम, समझाओ ना
बूँदें ये बरसे हैं कि घर आओ ना
घर आओ ना
घर आओ ना
बना लो अपना मुझको, अपनाओ ना
यूँ करो ना जुदा मुझको, ठुकराओ ना
वैसे भी तुमसे है मेरा जहाँ
कैसे जिएँगे हम, बतलाओ ना
घर आओ ना
घर आओ ना
घर आओ ना
घर आओ ना
आ-आ रिमझिम ये सावन कह रहा
"सुन ले, पिया, मुझको तू ना रुला इस तरह
सुन ले, पिया, वीरान दिल का आशियाँ
हाय, पूछे है, "आख़िर तू कहाँ
घर आओ ना
आओ ना
बूँदें ये बरसे हैं कि घर आओ ना
घर आओ ना
घर आओ ना