Ruk Ja

Shradha Pandit

रुक जेया, ना जा रे दिल तोड़के
रुक जेया, ना जा रे यूँ छ्चोड़ के
रुक जेया, ना जा रे दिल तोड़के
रुक जेया, ना जा रे यूँ छ्चोड़ के
हुंसे पूछे बिना चल दिए
खुद ही तय करलिय फ़ासले
रुक जा, ना जा मूह मोड़ के
रुक जेया, ना जा रे यूँ छ्चोड़ के

दर्र था तुमको खोने का हमेशा से
डोर जाके कारडीए अलग रास्ते
दिल पे मेरे हाथ रख के देखो ज़रा
तेरे नाम से ही चलती यह धड़कने
रुकजा

रुक जा, ना जा रे फिर सोचले
रुकजा, खुद को तू अब रोकले
हुंसे पूछे बिना चल दिए
खुद ही तय करलिय फ़ासले
रुक जा
रुक जा

ज़रा बता, है क्या तेरा
इरादा एक दफ़ा
सज़ा कोई, भी दे मगर
ना रहना तू खफा
दर्द का इलाज शायद
दूरियाँ ही हैं
जाते जाते मेरी खातिर
तोड़ा ठहेर जेया
रुकजा

Trivia about the song Ruk Ja by Salim Sulaiman

Who composed the song “Ruk Ja” by Salim Sulaiman?
The song “Ruk Ja” by Salim Sulaiman was composed by Shradha Pandit.

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